सरोजिनी नगर बाजार एक बिलकुल अलग दुनिदु या है।है इस मार्केट में, न केवल फैशन का जलवा है, है बल्कि यहां के कुछ बच्चेभी अपने
पढ़ाई के बावजूद छोटे दुका दु नों में काम कर रहे हैं।हैं इन बच्चों की कहानी, उनके सपनों और उनकी चुनौतियों की है
सरोजिनी नगर मार्केट, एक ऐसा स्थान है जो न केवल फैशन का केंद्र है बल्कि यहां के बड़े, बच्चेऔर बूढ़े भी अपनी मेहनत से अपने
सपनों की पूर्ति की ओर बढ़ रहे हैं।हैंऔर खासकर इन बच्चों की कहानी बताती है कि कैसे उनका छोटा सा कदम समाज को प्रभाववित
कर रहा है
यहां के कुछ स्कूल जाने वाले बच्चे, अपने परिवार की आर्थिक कमी के कारण, शनिवार और रविवार को अपनी मेहनत और उम्र लिए
देखे जा सकते हैं।हैंये बच्चेस्कूल जाने वाले हैं, हैंलेकिन उनके परिवार की आर्थिक कमी के कारण वे इस बाजार में भी काम करते हैं,हैं
विशेषकर शनिवार और रविवार को, क्योंकि इन दिनों उनकी स्कूल बंदबं रहती है।है
इन नन्हे कर्मियों को दुका दु नों के मालिक और उनके परिवार ने सिखाया है कि कैसे बाजार की रणनीतियों का सही तरीके से उपयोग
करें।रें इन बच्चों को स्कूल जाने के बावजूद इस उम्र में बाजार में काम करने का अपना एक अलग ही अनुभव है।है वे न केवल अपने
परिवार की आर्थिक सहारा बन रहे हैं, हैंबल्कि इन्हें बाजारी सीख भी मिल रही है ।
हालांकि, यह दुः खद है कि इन बच्चों को अपने काम के बारे में पुलिस या अनजान लोगों को जानकारी देने की सख्त मन्हाई है।है इससे
न केवल दुका दु नदारों और परिवारवालों पर कानून का डंडा पड़ सकता है और उनका सुरक्षित रहना मुश्किल हो जाता है।सहै माज को
इस समस्या को ध्यान में रखकर सहायता करने का आग्रह है ताकि इन बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य का मौका मिल सके।इन
बच्चों का संघर्ष न केवल उनके लिए है, है बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन का भी हिस्सा बन रहा है।है उनके बढ़ते कदमों से
दिख रहा है कि छोटे उम्र में ही हम समाज में बदलाव ला सकते हैं
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